एक घने जंगल में एक छोटा सा नन्हा खरगोश रहता था। उसका नाम चंपू था। चंपू तेज़-तर्रार और बुद्धिमान था, लेकिन उसके शरीर की बनावट छोटी थी। उसी जंगल में एक विशालकाय हाथी भी रहता था, जिसका नाम गजराज था। गजराज ताकतवर था और उसकी एक ही चिंदा थी कि उसे कोई दोस्त नहीं मिलता, क्योंकि सभी जानवर उससे डरते थे।
एक दिन, जंगल में भीषण गर्मी पड़ रही थी। चंपू पानी की तलाश में इधर-उधर दौड़ रहा था, लेकिन कहीं भी ताजे पानी का स्रोत नहीं मिल रहा था। तभी उसने देखा कि गजराज पास के झरने से पानी पी रहा है। चंपू डरते-डरते गजराज के पास गया और कहा, "गजराज भैया, क्या मैं भी थोड़ा पानी पी सकता हूँ?"
गजराज ने मुस्कुराते हुए कहा, "अरे! क्यों नहीं? यह पानी सबका है।"
चंपू ने राहत की सांस ली और पानी पीने लगा। पानी पीने के बाद उसने गजराज से कहा, "भैया, आप इतने बड़े और ताकतवर हैं, लेकिन फिर भी इतने दयालु हैं।"
गजराज हंस पड़ा और बोला, "शक्ति का सही उपयोग दूसरों की मदद करने में ही होता है।"
धीरे-धीरे दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। चंपू अपनी बुद्धिमानी से गजराज को नई-नई बातें सिखाता, और गजराज अपनी ताकत से चंपू की हर मुसीबत में मदद करता।
Story World Story in Hindi के लिए बेस्ट वेबसाइट है।
एक दिन जंगल में शिकारी आ गए। उन्होंने गजराज को पकड़ने के लिए एक बड़ा जाल बिछा दिया। गजराज जाल में फंस गया और जोर-जोर से चिंघाड़ने लगा। यह देखकर चंपू तेजी से दौड़ता हुआ आया और उसने अपनी नुकीली दांतों से रस्सियों को काटना शुरू कर दिया। थोड़ी देर में जाल कट गया और गजराज आज़ाद हो गया।
गजराज ने चंपू को अपनी सूंड में उठाकर प्यार से कहा, "तू छोटा ज़रूर है, लेकिन तेरा दिल बहुत बड़ा है। आज तूने मेरी जान बचाई!"
इसके बाद दोनों और अच्छे दोस्त बन गए। जंगल के सभी जानवरों ने उनकी दोस्ती की मिसाल दी और यह साबित हो गया कि दोस्ती में ताकत नहीं, बल्कि सच्चे दिल और समझदारी की जरूरत होती है।
शिक्षा: सच्ची दोस्ती में आकार या शक्ति नहीं, बल्कि निष्ठा और मदद करने की भावना महत्वपूर्ण होती है।